भगन्दर, (फिस्टुला) – प्रकार, लक्षण, कारण, इलाज और परहेज | Fistula In Hindi

भगन्दर (फिस्टुला) क्या है | Fistula in Hindi

गुदा नलिका में बहुत ही सामान्य बीमारी जिसे हम फिस्टुला-in-ano के नाम से जानते हैं या सामान्यता इसे सिर्फ “फिस्टुला” “भगन्दर“के नाम से भी जाना जाता है जब गुदा नलिका में किसी कारण इंफेक्शन होती है उसके अंदर बहुत सारी गुदा नलिकाय होती हैं उसे भगन्दर या फिस्टुला कहा जाता है

भगन्दर (फिस्टुला) कैसे होता हैं? | फिस्टुला क्यों होता है

बहुत सरे लोगो का यह सवाल रहता है की फिस्टुला क्यों होता है| गुदा नलिका में जिसमें बहुत कठोर मल निकलने से या किसी और कारण इंफेक्शन/ संक्रमण हो जाती हैं वहां पर थोड़ी पस बन जाती है और अगर इसका सही समय इलाज न करवाया जाए तो यह पस आसपास की त्वचा के साथ अपना रास्ता बना लेती है और यह रास्ता आगे चलकर स्थायी हो जाता है दवाइयों लेने से यह बीच-बीच में यह बीमारी ठीक भी हो जाती है लेकिन इस रास्ते से मल के साथ साथ इंफेक्शन आता रहता है इसलिए वह बार-बार एरिया भरकर जब इंफेक्शन ज्यादा हो जाती है तो यह फिर से फूट कर बाहर आ जाती है फूटने के बाद कुछ दवाइयां लेने से यह पस कम जरूर हो जाती हैं और रोगी को लगता है कि ठीक हो गया लेकिन कुछ देर के बाद फिर से इंफेक्शन/पस बढ़कर एक बार फिर यह आसपास की त्वचा की साथ फूटतीं है और इससे रोगी को गीलापन महसूस होता है उससे रोगी आमतौर पर डॉक्टर के पास आता है

भगंदर के इलाज की प्रक्रिया

भगन्दर (फिस्टुला) आमतौर पर दवाइयों से ठीक नहीं होता है क्योंकि एक यह स्थायी रास्ता है और जब तक हम इसे बंद नहीं करेंगे, इसे निकालेंगे नहीं यह दोबारा दोबारा फिर से हमें हानि ही पहुँचता रहेगा भगन्दर (फिस्टुला) का ऑपरेशन कई तरीके से किए जा सकते हैं जो परंपरागत तरीका है जो पुराने टाइम से चलता आ रहा है उसमें हम “Fistulotomy” या फिर “Fistulectomy” में करते हैं यानी कि हम इस रास्ते को खोल लेते हैं या इसको खोलकर इसे बाहर निकाल लेते हैं और उस जखम को हम खुला छोड़ देते हैं ताकि वह धीरे-धीरे अपने आप बड़े और यह रास्ता बंद बंद हो जाए कि इस तकनीक की एक कमी यह है की इसकी उपचारात्मक/ हीलिंग बहुत धीरे धीरे होती है क्योंकि यह क्षेत्र लगभग हमेशा थोड़ा संक्रमित ही रहता है बार-बार मल पास होने से इस एरिया में इंफेक्शन होती है तो इसलिए इसको ठीक होने में 2 से लेकर 8 हफ्ते तक का टाइम लग सकता है फिस्टुला के आज-कल कुछ नए उपाय हैं जैसे कि हम भगन्दर (फिस्टुला) को दूरबीन से अंदर से सफाई करके इसे अंदर से बंद कर सकते हैं और जो यह रास्ता है उसे हम लेजर की सहायता से जला सकते हैं ताकि यह अंदर ही अंदर भर जाए और हमें इसे ठीक करने में बहुत कम चीरा देना पड़े और इसके हीलिंग फास्ट हो जाए! कुछ मामलों में यह फिस्टुला बहुत ऊपर चला जाता है और उनके सिर में हमें एक उपकरण की सहायता ली जाती है जो कि एक धागे की तरह है जो धीरे-धीरे इस फिस्टुला को नीचे ले जाता है और इसे हमें ठीक करने में मदद करता है

भगंदर (फिस्टुला) के कारण

वैसे तो फिस्टुला होने के कारण बहुत सारे हो सकते है| वह सारे फिस्टुला होने का कारण निम्नलिखित है|

  • गुदो या आंत की परत में सूजन होने पर।
  • गुदा के आस-पास के हिस्सों सर्जरी होने पर ।
  • अधिकतर कठोर मल आने की समस्या होने पर
  • गुदा के आस-पास चोट लग जाने पर।
  • धूम्रपान करने और शराब पीने के कारण।
  • रेडिएशन द्वारा गुदो के आस पास के क्षेत्र में इलाज करने पर ।
  • क्रोहन रोग (chronic disease) भगंदर होने का एक कारण हो सकता है ।
  • टीबी या एड्स से पीड़ित होने पर।

भगंदर (फिस्टुला) के लक्षण

यह जानने के लिए की हमे भगन्दर हुआ है या नहीं हम कुछ शारीरिक लक्षणों की सहायता से जान सकते है जो की कुछ इस प्रकार है

  • गुदाद्वार के मार्ग में बार बार गांठ बनना या फोड़ा होना
  • गुदा के आस पास के क्षेत्र में सूजन होना या बहुत दर्द होना
  • गुदाद्वार के मार्ग फोड़ा बनकर पस निकलना
  • नितंबो के आस पास पस या खून का रिसाव होना या नितंबो के आस पास छेद होना
  • गुदाद्वार क्षेत्र में अदिकतर समय जलन होते रहना भी भगंदर के लक्ष्णों में से एक लक्षण है
  • मलत्याग करते समय जलन होना

भगंदर (फिस्टुला) के प्रकार – Anal Fistula Types in Hindi

भगंदर सामान्यत दो प्रकार के होते हैं-

  1. सामान्य या जटिल फिस्टुला (Simple or Complex)
  2. लो या हाई फिस्टुला (Low or High Fistula)

भगंदर का निदान – Diagnosis

  • OPD : इसको सही करने के लिए डॉक्टर से आपको ओपीडी में देखेंगे देखने से ही कई सारे रोगिओं में पता चल जाता है
  • अल्ट्रासाउंड या एमआरआई (MRI) : फिस्टुला है परीक्षण के बाद अगर हमें इसको विस्तार में जांचना हो तो हम कुछ टेस्ट करवा सकते हैं जैसे कि इसमें डाई डाल कर एक्स-रे किया जा सकता है इस रोग की एमआरआई (MRI) की जा सकती हैं जिससे हमें 100 % पता चल जाए कि यह फिस्टुला कितना लंबा है इसकी भविष्य की शाखाएं तो नहीं है और इसके ऊपर निर्भर करता है हम इसका ऑपरेशन कर सकते हैं या नहीं!

भगंदर का इलाज —Fistula Treatment in Hindi

भगंदर के इलाज को मुख्य रुप से 2 भागो में बांटा जा सकता है –

  1. सर्जिकल उपचार
  2. नॉन-सर्जिकल उपचार

भगन्दर (फिस्टुला) के ऑपरेशन का खर्च

भगन्दर (फिस्टुला) लेज़र सर्जरी का खर्च Details
भगन्दर (फिस्टुला)लेज़र सर्जरी का खर्च Rs. 40,000
खुलने का समय9:30 am to 2:30 pm, 5:00 am to 6:00 pm
कार्य दिवसMonday – Saturday
मोबाइल नंबर+91-9888958889

निष्कर्ष – Conclusion

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