एनल फिशर जिसे की हिंदी में गुदा विदर भी कहा जाता है यह एक आम समस्या है लेकिन फिशर बहुत ही दर्दनाक स्थिति उत्पन कर सकता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है किन्तु फिशर आमतौर पर छोटे बच्चों या 50 से अधिक उम्र के लोगों में पाया जाता है। एनल फिशर को अक्सर लोग नज़रअंदाज़ कर देते है जिससे की यह बहुत ही गंभीर रूप धारण कर सकता है।
अगर आप भी एनल फिशर से पीड़ित हैं तो स्टार अस्पताल एनल फिशर का सफल इलाज प्रदान कर रहा है यहाँ डॉ जसमीत सिंह अहलुवालिआ कई वर्षों के अनुभव से बहुत लोगों को इस गंभीर बीमारी से निजात पाने में सफल रहें है यह सर्जरी आधुनिक उपकरणों द्वारा प्रदान की जाती है जिससे की लोग इस बीमारी को जड़ से ख़तम करने में कामयाब रहें हैं।
गुदा विदर (एनल फिशर) क्या है?
जब गुदा में छोटे-छोटे कट या दरारें उत्पन हों जो की बहुत ही दर्दनाक होता है उसे फिशर माना जाता है। इसमें मुख्य रूप से गुदा या चैनल के भीतर या बाहर की ओर जख्म या कट होते है जिसके कई कारण हों सकते है जैसे की बड़ा स्टूल पास होना, लम्बे समय तक डायरिया होना, बहुत ज्यादा कब्ज होना, प्रेगनेंसी होना या कॉन्स्टिपेशन रहना । जिसमे की असहनीय दर्द उत्पन होता है यह दर्द गुदे के आसपास के क्षेत्र में होता है ज़्यादातर यह दर्द मल त्याग करने के समय होता है जो की कुछ घंटो तक रहता है । इसमें यह भी पाया गया है की उन दरारों या जख्मों से खून भी बह सकता है। कुछ लोग इसे पाइल्स भी समझते हैं लेकिन यह पाइल्स से अलग होता है।
फिशर के कारण
एनल फिशर होने के कई कारण है जिसमे की हर किसी के लिए यह अलग अलग भी हों सकते है इन में से कुछ मुख्य कारण निचे दिए गए हैं।
- सख्त मल का आना भी इसका कारण बन सकता है।
- लम्बे समय से कब्ज का होना या फिर आंतो में तनाव पैदा होना।
- डायरिया (diarrhea) होने पर भी एनल फिशर होने का खतरा हो सकता है।
- गर्भावस्था के कारण भी एनल फिशर हो सकता है।
- छोटे बच्चों में भी यह पाया जाता है।
फिशर के लक्षण
फिशर होने के कई सारे लक्षण हों सकते हैं, लोग अक्सर फिशर के लक्षणों को बवासीर समझते है जिससे की वह गलत इलाज करते रहते है और परिणाम स्वरुप यह और गंभीर रूप धारण कर लेता है। इसके लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेने पर ही इसका इलाज करवाना चाहिए।
- गूदे की त्वचा की सतह पर जख्म होना या फिर कट लगना और दरारें पैदा होना।
- मल द्वारा खून आना और दर्द होना।
- मल त्याग करने में असहनीय दर्द होना जो की बहुत अधिक समय तक रहना।
- इसमें गूदे की आसपास के त्वचा पर खुजली होना भी एक लक्षण हों सकता है।
- गूदा फिशर के आसपास कोई गांठ पड़ना।
फिशर का इलाज
फिशर का इलाज करने के लिए कई उपाय है वैसे तो जीवन शैली में बदलाव लाने से भी फिशर का इलाज कर सकते है यह तभी किया जा सकता है जब यह बीमारी शुरुआती दौर में हो अन्याथा आपको घेरलू इलाज का कोई असर नहीं होगा इसके लिए आपको डॉक्टर के साथ सलाह कर के ही इसका इलाज करवाना चाहिए। फिशर का इलाज दो प्रकार से हो सकता है घेरलू या फिर सर्जिकल घरेलु उपाय में इसका इलाज सिर्फ शुरुआती लक्षणों में ही संभव है जो की बहुत अधिक समय तक चल सकते है और संभव है की इसका आपको कोई परिणाम भी ना देखने को मिले जिसमे की कब्ज ना होने देना, मल त्याग करने के लिए कुछ तरल करने वाले पदार्थ लेना अदि शामिल है।
फिशर का लेजर ऑपरेशन / सर्जरी
अगर आपको फिशर को जड़ से ख़तम करना तो इसका एक मात्र इलाज इसकी सर्जरी करवाना ही है। यह सर्जरी लेज़र द्वारा की जाती है जिससे की फिशर की बीमारी जड़ से ख़तम हों जाती है। यह एक बहुत के कामयाब तरीका माना गया है जिससे की फिशर का इलाज सफलतापूर्ण हों सकता है इसमें फिशर लेज़र की तकनीक द्वारा जख्मों या दरारों को तरल किया जाता है जिससे की यह अपने आप ही ठीक हो जाता है ।
स्टार अस्पताल आपको यह लेज़र सर्जरी प्रदान कर रहा है जिससे की कई लोगों ने फिशर से निजात पाया है डॉ जसमीत सिंह अहलुवालिआ फिशर का लेजर ऑपरेशन प्रदान करते है अगर आप भी इस लेज़र सर्जरी के बारे में जानना चाहते है तो स्टार अस्पताल से संपर्क करें