बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय

बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय जानने से पहले यह जानना ज़रूरी है की बवासीर के मस्से आखिर बार बार क्यों होते है |बवासीर होने के तीन सबसे मुख्य कारन – बार-बार कबज़ के चलते मल का संचार करने में बहुत ज़ोर लगना, लगातार लूस मोशन लगने (मल के ख़राब अवस्था में दिन में कई बार आना), ज़्यादा देर तक मल करने की अवस्था में रहना, मानें जाता है |

इसके अलावा ठीक से शौच न होना, कसरत करते समह वजन ज़्यादा उठाना, महिलाओ का घरबवती होना, ज़्यादा मोटापा होना, पेट में कबाज़ रहना आदि कारन होते है जिसकी कारन आप यहाँ वहा बवासीर के मस्से को जड़ से ख़तम करने के उपाय यहाँ ढूंढ़ते रहते है |

आज हम आपको हमेशा के लिए इस बीमारी से छुटकारा पाने का सटीक उपाय बतायेंगे जिससे आपको कभी भी बवासीर के मस्से नहीं होगी |

बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय

बवासीर का ऑपरेशन – बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का एकमात्र उपाय

बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय में सर्जरी/ऑपरेशन करने के इलावा कोई भी 100% इलाज किसी भी मेडिकल साइंस में नहीं है |

लेकिन कौनसी सर्जरी बवासीर के मस्सो को जड़ से ख़तम करने लिए सबसे बेहतर रहेगी वह आपके लिए नीचे बताई गयी है:

1. लेज़र सर्जरी

लेज़र सर्जरी आज की सबसे आधुनिक और कारगर बवासीर की सर्जरी मानी जाती है | इस सर्जरी में लेज़र की किरणे से बवासीर के मस्सो को जलाकर सिकुड़ा जाता है जिनमे सोजिश आने की वजह से कोशिकाओं फूल जाती है |

इस सर्जरी में सर्जन बारीक़ किरणों पर ध्यान देते हुए कोशिकाओं की तरफ जाते हुए खून की बहाव को रुक देते है जिससे घाट से लिपटी कोशिकाएँ ख़तम हो जाती है | यह सर्जरी किसी भी प्रकार से चीर फाड़ के बिना की जाती है जिससे खून का निकलना और दर्द नहीं होती है |

लेज़र सर्जरी सुबह के सम्हे की जाने वाली सर्जरी है जिसमें बवासीर रोग ग्रस्त व्यक्ति को 1 घंटों के अन्दर घर भेज दिया जाता है |

इस सर्जरी सबसे ख़ास बात यह इसमें रिकवरी जल्दी और बिना ज़्यादा मशकत के हो जाती है |

2. स्टेपलर सर्जरी

स्टेपलर सर्जरी सबसे बढ़िया सर्जरी में से एक है है जिसमें बवासीर के मस्सों को पूरी तरह ख़तम किया जाता है और रेक्टम नामक अंग को सर्जिकल स्टेपलर की मदद से बंद कर दिया जाता है |

इस सर्जरी में घूमवदार और गहरी नली (ट्यूब) को अनल कैनाल में डाला जाता है | सर्जिकल नली की सहायता से बहुत बड़े बुने हुए धागे को गोल आकार में अनल कैनाल के भीतर बाँध दिया जाता है (अंधरुनि बवासीर के थोड़ा सा ऊपर) |

यह स्टेपलर डिस्पोजेबल यन्त्र होता है जिसे सर्जन नली की मदद से अन्दर डालकर ऑपरेशन करते है और इसके धागे सर्जरी के अंत में बाहर खींच लिए जाते है |

यह सर्जरी 30 मिनट के अन्दर ख़तम हो जाती है और 24 घंटो में हस्पताल से छोटी मिल जाती है |

3. ओपन सर्जरी

ओपन सर्जरी बवासीर के इलाज के लिए सबसे की ज़्यादा की जाने वाली सर्जरी मानी जाती है | इस सर्जरी तब किया जाता है जब बवासीर का गां बहुत ज़्यादा जगह तक फैला हुआ हो |

इसमें सबसे आसानी से पाए जाने वाली बेहोशी की दवा को अनल कैनाल की जगह पर स्पिंचटर माँसपेशियों को काबू में लाया जाता है | ऐसा करने से पेशेंट को दर्द नहीं होता और इससे कई प्रकार से किया जा सकता है |

सर्जिकल उपकरणों की मदद से बड़ा चीरा कर कर बवासीर को ख़तम किया जाता है | इससे सर्जन दवारा बहुत धयान से किया जाता है क्यूंकि अन्य माँसपेशियों में समयसा खड़ी हो सकती है | इससमे सर्जन के दवारा मस्सो को धागों से बाँध दिया जाता है |

यह सर्जरी बहुत ज़्यादा मुश्किल होने की वजह से 2 से 3 दिन तक आपको दर्द रह सकता है |

इस सर्जरी बाद रिकवरी 7 दिन के भीतर हो जाती है जिससे कारन मरीज़ को कुछ दिनों के लिए हस्पताल में रहना पढ़ सकता है |

4. रबर बैंड लीगेशन

रबर बैंड लीगेशन सर्जरी में बवासीर को ख़तम करने के लिए सर्जन एक छोटे उपकरण (लिगटर) को किरणों वाली नली से आपके अनल कैनाल अन्दर डाला जाता है | जिससे बवासीर को फोरसेप्स की मदद से जकड़ा जाता है |

फिसलन वाली लिगटर सिलिंडर से रबर बैंड्स को बवासीर के तल को निकाला जाता है | इन रबर बैंड्स की मदद से बवासीर की तरफ जाने वाले खून के बहाव को पूरी तरह से रूक दिया जाता है | इस प्रकिर्या के बाद बवासीर का मास्सा नष्ट होकर गिर जाता है |

इस सर्जरी बाद थोड़ी बहुत दर्द और भारीपैन महसूस हो सकता है | इस के अलावा 7 से 10 के लिए खून निकलने की समस्या का सामना करना पढ़ सकता है जो की सामनाये बात मानी जाती है (ज़्यादा होने पर डॉक्टर को ज़रूर बताये) |

इस सर्जरी मरीज़ को 24 घंटों में छोटी मिल जाती है |

5. स्क्लेरोथेरपी

स्क्लेरोथेरपी सर्जरी को तब किया जाता है जब अंदरूनी बवासीर दूसरे ग्रेड पर पर पहुँच गयी हो। इस सर्जिकल प्रक्रिया में कैमिकल डाले जाते है तोह की यह कैमिकल बवासीर को सिकुड़ कर खून के बहाव को रुक सके ज़्यादातर लोग इस प्रक्रिया में ना के बराबर दर्द मेहसूस करते है।

इससे डॉक्टर के मेडिकल दफ्तर बड़े आराम से किया जा सकता है। यह सर्जिकल विधि उनके लिए कारगर मानी जाती है जो खून पतला करने दवा का सेवन करते है क्योंकि इससे बिना चीरे किया जाता है।

जिनके अंदरूनी बवासीर बहुत छोटी वह इस सर्जरी का सबसे ज़्यादा फायदा उठा सकते है।

इस सर्जरी के बाद 24 घंटो के भीतर ही घर दिया जाता है |

6. कोएगुलशन थेरेपी

कोएगुलशन थेरेपी सर्जरी की तब ज़रुरत पड़ती है जब बवासीर ग्रेड एक से तीन के बीच में हो। इस प्रक्रिया में किरणों, गर्मी, और बहुत ज़्यादा तरीको से बवासीर दबाया और सिकुड़ा जाता है। यह सर्जरी भी डॉक्टर के मीडियल दफ्तर बड़े आराम से की जा सकती है।

इससे करने किये लिए अनोस्कोपे की मदद ली जाती है जिससे डालकर कई इंच रेक्टम अंश के अन्दर देखा सकता है।

ऐसा करने सर्जन आपकी बवासीर को पूरी और अच्छी तरह ऑपरेट किया जाता है। इस सर्जिकल प्रक्रिया के बाद 24 घंटों के भीतर अस्पताल से घर भेज दिया जाता है |

लेज़र ऑपरेशन – सबसे बेहतर बवासीर के मस्से को जड़ से ख़तम करने का उपाय वाली सर्जरी के फायदे

लेज़र सर्जरी सबसे ज़्यादा असरदार, सुरक्षित, और ज़िन्दगी में बवासीर दुबारा ना होने की नंबर एक सर्जरी है। गुदा क्षेत्र से बवासीर का हमेशा के लिए जड़ उखाड़ने का सबसे सटीक उपाय है।

चलिए जानते है की लेज़र सर्जरी ऐसे क्या फायदे है जो बवासीर को ज़िन्दगी दुबारा सर उठाने के काबिल नहीं छोड़ते है।

1. जल्दी होने वाली सर्जरी

लेज़र सर्जरी उपचार बस महज़ आधे घंटे में समाप्त हो जाता है जो बाकी उपचारों से बहुत तेज़ी से होता है।

2. सबसे कम जोखिम वाली सर्जरी

इससे ऑपरेशन में कोई चिर फाड़, खोले ज़ख़्म, टाँके नहीं किये जाते हे |

3. एक घंटे में अस्पताल से छुट्टी

मरीज़ को लेज़र सर्जरी करवाने के बाद बस एक अन्दर ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर के घर भेज दिया जाता है।

4. तेज़ रिकवरी का समय

दो दिनों के अन्दर अन्दर व्यक्ति पूरी तरह रिकवर और ठीक हो जाता जिससे वह दिनचर्या के सारे काम जल्दी से शुरू कर सकता है।

5. सर्जन का पूरा नियंत्रण

इस सर्जरी में सबसे कम खतरा मना जाता है क्यूंकि इसमें सर्जन के पास बहुत ज़्यादा नियंत्रण होता है। ज़्यादा नियंत्रण की मदद से सर्जरी का रिस्क ना के बराबर रह जाता है।

6. बिलकुल ना के बराबर खून निकलना

खून का ज़्यादा निकलना पुरानी ऑपरेशनो में आम बात होती थी लेकिन आज की आधुनिक लेज़र सर्जरी से खून ना के बराबर निकलता जिससे अन्य समस्याएं कड़ी नहीं होती।

7. सबसे ज़्यादा सफलता वाली सर्जरी

इस प्रक्रिया की सक्सेस रेट अन्य ऑपेऱशनो से सबसे ज़्यादा है जो मरीज़ के लिए से लाभकारी मानी जाती है।

8. काम बेहोशी की दवा का इस्तेमाल

इसमें बेहोश की दवा सामान्य दवा (एनेस्थीसिया) की ज़रुरत बहुत काम पड़ती है।

9. इन्फेक्शन की संभावना ना के बराबर

इस सर्जरी के बाद पोस्ट ऑपरेशन इन्फेक्शन नहीं होती है।

10. दुबारा बवासीर होने की संभावना ना के बराबर

इस सर्जरी के बाद बवासीर का दुबारा होना नामुनकिन के बराबर हो जाता है।

स्टार लेज़र सर्जरी अस्पताल से लेज़र ऑपरेशन उपचार करवा कर बवासीर के जड़ मस्सो को जड़ से ख़तम कर सकते है?

अगर आप किसी भी ग्रेड की बवासीर से पीड़ित है तोह हमारे डॉक्टर आपके बवासीर के मस्सो की सीधा एडवांस उपकरणों से जाँच करेंगे और जिससे यह पता चल सके की आपकी बवासीर कितनी गंभीर चरण पर है।

फिर उसके बाद डॉक्टर आपको कौनसी सर्जरी आपके लिए ठीक रहेगी उसकी सलाह देंगे।

जीवनशैली – बवासीर की लेज़र सर्जरी/ऑपरेशन के बाद:

लेज़र सर्जरी/ऑपरेशन करवाने के बाद आपको दुबारा बवासीर मस्से होने की आशंका हज़ार में से एक रह जाती है लेकिन अगर आप जीवनशैली में कुछ सामन्य परिवर्तन पूरी निष्ठा और अनुशासन से करते है तोह यह बीमारी कभी नहीं होगी |

1. मल त्याग का समय बस 3 मिनट

मल निकलने/संचार की प्रक्रिया तीन मिनट के भीतर बिलकुल ख़तम कीजिये (पूरा ध्यान पेट साफ़ करने में लगाए ना की शौचालय में फ़ोन की नोटिफिकेशन्स देखने में) |

2. दिन में बस 1 बार मल त्याग

बस दिन में एक बार पेट को साफ़ करने के लिए शौच जाए क्योंकि बार जाने से समस्या बढ़ती है (अगर लूज़ मोशन लगे है तोह वह बात अलग है) |

3. मल करते सम्हे कम ज़ोर लगाए

मल को निकालते से समय बहुत ज़्यादा तनाव ना लगाए और आराम से संचार करे (क्यूंकि ज़्यादा ज़ोर से समस्या बढ़ती है) |

4. फाइबर/रेशो से भरपूर आहार ले

अपनी खान पान में फाइबर/रेशा वाली जितनी ज़्यादा चीज़े खा सकते है उन्हें खाये क्यूंकि पेट का साफ़ और स्वस्थ रहना, बवासीर को ख़तम करने लिए ज़रूरी है (पेट सफा हर रोग दफा) |

5. जितना हो सके एक्टिव रहे

ज़्यादा देर तक एक जगह पर मत बैठे रहे क्यूंकि इससे आपके गोदा शेहतर की नसों में दबाव बना रहता है (अगर काम करते है तोह बीच हो सके थोड़ा ब्रेक ले) |

6. राजसिक और तामसिक भोजन का ज़्यादा सेवन ना करे

बहार और घर दोनों का तला, भुना,और मिर्च मसाले वाला भोजन ग्रहण ना करे (क्यूंकि इससे ज़्यादा गर्मी पैदा होती है और बवासीर के लिए गरमी घातक मानी जाती है) |

7. पसीलियम हस्क का सप्लीमेंट ले

हो सके तोह फाइबर का सप्लीमेंट अपनी डाइट में ले जैसे की पसीलियम हस्क (इसके 5-6 छोटे चमच 600 मिलीलीटर पानी रोज़ पिए) |

ज़रूरी सुचना: बताई गयी बातो को करने से पहले प्रतीक्षित/कॉलिफिएड डॉक्टर की सलाह ज़रूर ले | बगैर सलाह के मत कीजिये क्यूंकि मारगदर्शन के बिना ऐसा करना घातक साबित हो सकता है।

निष्कर्ष – बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने के लिए

दवाइया बवासीर के मस्सो को जड़ो से ख़तम करने के लिए कारगर नहीं मानी जाती है।

इसलिए सर्जरी/ऑपरेशन करवाना अनिवारिया बन जाता है (जिसमे से लेज़र सर्जरी मेडिकल साइंस के दवारा मरीज़ के लिए सबसे बढ़िया मानी जाती है) |

अगर आप सर्जरी करवाने के बाद बताई गयी बातो को अमल करते है तोह ज़िन्दगी में कभी भी बवासीर या फिर उसके मस्से नहीं होंगे |

बवासीर के लक्षण जानने के लिए यह आर्टिकल पढ़े।

संपर्क करे

अगर आप बवासीर की किसी भी चरण/स्टेज पे है, हमसे संपर्क (स्टार अस्पताल जालंधर)
करे ताकि की आप की बवासीर को जड़ से ख़तम किया जाए। स्टार अस्पताल आपकी सेवा के लिए हरवक्त मौजूद है।